प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले 5 सालों में 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि भले ही विश्व ने टी.बी. से मुक्ति के लिए वर्ष 2030 तक का समय रखा हो, लेकिन हम भारत को 2025 तक टी.बी. मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जर्मन चांसलर एंजिला मर्केल जैसे विश्व के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। भाषण में उन्होंने कहा कि- हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। हम 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं। प्रयास हमारे हैं, परिणाम सारे संसार के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यू.एन. का जन्म हुआ। UN पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो भारत है। और इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी
इसके अलावा भी पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि एक ओर तो, हम भारत में 450 गीगावॉट रीन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर हमने इंरटनेशनल सोलर अलायंस स्थापित करने की पहल भी की है। उन्होंने कहा कि अगर इतिहास और पर कैपिटा इनकम के नजरिए से देखें, तो ग्लोबल वॉर्मिंग में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है। लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है। भारत, हजारों वर्ष पुरानी एक महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है।
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