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    पाकिस्तान में कुछ ऐसी गतिविधियां घट रही हैं, पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका !

    111 ब्रिगेड की छुट्टियां रद्द कर दी


    इस्लामाबाद | पाकिस्तान  में इमरान खान की सरकार का तख्तापलट  होने की आशंका है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल बाजवा के आदेश पर यहां की 111 ब्रिगेड की छुट्टियां रद्द कर दी गई है । जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान में 111 बिग्रेड का ही इस्तेमाल हमेशा से तख्तापलट करने में किया जाता रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि जनरल बाजवा  ने पाकिस्तान  के बड़े कारोबारियों के साथ गुप्त बैठक की है। इन दोनों घटनाक्रम को देखते हुए पाकिस्तान  में तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है। सभी सैनिकों को गुरुवार शाम तक वापस ड्यूटी पर पहुंचने के लिए कहा गया है। पाकिस्तानी सेना की 111 ब्रिगेड रावलपिंडी में तैनात रहती है और ये पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर की गैरिसन ब्रिगेड है। इस ब्रिगेड का इस्तेमाल इससे पहले हुई लगभग हर सैन्य तख्तापलट में किया गया है, इसलिए इसे तख्तापलट ब्रिगेड भी कहते हैं। इमरान खान को पाकिस्तानी सेना ने ही गद्दी पर बिठाया था, लेकिन इस समय पाकिस्तानी सेना ही उनसे नाराज़ चल रही है। 
               इमरान खान ने कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद जिस तरह से इस मामले को उठाया उससे फौज खुश नहीं हैं। पाकिस्तान में भी इमरान खान की संयुक्त राष्ट्र में हुई किरकिरी पर भी भारी नाराजगी है। पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बेकाबू हो रहे हैं ऐसे में फौज के एक बार फिर सत्ता में वापसी की अटकलें लग रही हैं।जानकार मानते हैं कि यहां गौर करने वाली बात यह है कि इमरान खान सरकार देश में व्याप्त गरीबी को दूर में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। सीमा पार से जम्मू कश्मीर में आतंकी वारदात पर भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। जम्मू कश्मीर को लेकर पीएम इमरान खान पूरी दुनिया में एक्सपोज हो चुके हैं। ये सारे पहलू इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सेना फिर से देश की सत्ता अपने हाथ में ले सकती है।   

    पाकिस्तान में पहले भी हो चुका है तख्तापलट                             
         पहली बार: पहली बार पाकिस्तान  में 1958 में सेना ने तख्तापलट  किया था।पाकिस्तान  के पहले राष्ट्रपति मेजर जनरल इसकंदर मिर्जा ने पाकिस्तान की संसद और प्रधानमंत्री फिरोज खान नून की सरकार को भंग कर दिया था।उस वक्त देश में मार्शल लॉ लागू कर आर्मी कमांडर इन चीफ जनरल अयूब खान को देश की बागडोर सौंप दी थी. 13 दिन बाद ही अयूब खान ने तख्तापलट  करते हुए मेजर जनरल इसकंदर मिर्जा को राष्ट्रपति के पद से हटा दिया था।

         दूसरी बार: साल 1971 में भारत के हाथों युद्ध में करारी हार और बांग्लादेश के निर्माण से पाकिस्तान  में असंतोष का भाव उत्पन्न हो गया था. इसी का फायदा उठाते हुए आर्मी चीफ जनरल जिया उल हक ने 4 जून 1977 को देश के प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो का तख्तापलट  कर दिया था. इसके बाद जनरल जिया उल हक ने जुल्फीकार को मौत के घाट उतार दिया था.
         
           तीसरी बार: साल 1999 में कारगिल में भारत के हाथों युद्ध में हार के बाद तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट  कर दिया था।नवाज शरीफ श्रीलंका दौरे पर थे तभी जनरल मुशर्रफ के इशारे पर तख्तापलट कर दिया गया था।

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