अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर बोलते हुए कहा अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी बहुत सारी गलतफहमियां फैली हुई हैं
नई दिल्ली में संकल्प पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी फैली हुई हैं, उनका स्पष्ट होना जरूरी है। जितना स्पष्ट कश्मीर की जनता के सामने होना जरूरी है उतना स्पष्ट भारत की जनता में भी होना जरुरी है।
गृहमंत्री ने कहा कि जो लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि ये राजनीतिक स्टैंड है उनको मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से मेरी पार्टी बनी। ये हमारी मान्यता है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ बोलते नहीं है हमनें इसके खिलाफ बार-बार आंदोलन किए, जब तक 370 हटी तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए जिसमें मास मोबिलाइजेशन भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने किया था।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं। पर हमारे सामने 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न आ गया। 630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना ये हमारे लिए बहुत बड़ा चुनौती का काम था। आज मैं आदर के साथ देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न होता।
गृहमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती है। सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती है। उन्होंने कहा कि गुजरात में 370 नहीं है तो क्या वहां गरबा समाप्त हो गया क्या। बांग्ला में 370 नहीं है तो क्या बंगाली भाषा खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि मैंने संसद के दोनों सदनों से पूछा कि कश्मीर को अनुच्छेद 370 से क्या मिला।
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