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    Monetary Policy Committee: आरबीआई देगा दीवाली का तोहफा! लोन होंगे सस्ते, रेपो रेट में हो सकती है कटौती

    अर्थव्यवस्था की सुस्सी दूर करने के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा के नतीजों की घोषणा आज सुबह 11.45 बजे करेगा।


    नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की सुस्सी दूर करने के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा के नतीजों की घोषणा आज सुबह 11.45 बजे करेगा। आज आरबीआई चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करेगा। सूत्रों के मुताबिक त्योहारी सीजन में आज आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।
    उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आज ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकती है। अगर केंद्रीय बैंक एक बार फिर से रेपो रेट में कटौती करता हो तो ये लगातार पांचवीं कटौती होगी। जिससे लोगों को सस्ते होम, कार और पर्सनल लोन मिल सकेंगे और आपकी ईएमआई भी घटेगी। 
    विशेषज्ञों के मुताबिक, उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई इस मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर 25 आधार अंक (बेसिस प्वाइंट) घटाकर 5.15 फीसदी कर सकता है, जिससे इस साल रेपो दर में कुल कटौती 135 आधार अंक तक पहुंच जाएगी। हालांकि ज्यादातर विशेषज्ञ दिसंबर में होने वाली समीक्षा में 15 आधार अंक की एक और कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।
    बता दें कि केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों पर फैसला लेता है। हालांकि आरबीआई के लिए राहत की बात यह है कि महंगाई भी लक्ष्य के भीतर बनी हुई है। जानकारों का कहना है कि मांग पैदा करके ही सरकार अर्थव्यवस्था को बूस्‍ट कर सकती है।
    बता दें कि रिजर्व बैंक इस साल लगातार 4 बार में रेपो दर में 1.10 फीसदी की कटौती कर चुका है। अगस्त में की गई 0.35 फीसदी की कटौती के बाद वर्तमान में रेपो दर 5.40 फीसदी है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि आरबीआई मार्केट में मांग बढ़ाने के लिए इस कारोबारी साल में रेपो रेट को घटाकर 5 फीसदी पर ले आएगा। साथ ही यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आरबीआई ने ग्राहकों को नीतिगत दर में कटौता का लाभ तत्काल उपलब्ध कराने को लेकर बैंकों से कहा है। रिजर्व बैंक ने बैंकों से 1 अक्टूबर से अपने सभी कर्ज को रेपो दर से जोड़ने को कहा है। इससे रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती का लाभ सीधे तौर पर बैंक से किसी भी तरह का लोन लेने वाले को मिलेगा। 
    हालांकि, आरबीआई गवर्नर पहले ही संकेत दे चुके हैं कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए मौद्रिक नीति में नरमी की गुंजाइश बनी हुई है वहीं राजकोषीय संभावना सीमित है। उल्‍लेखनीय है कि एमपीसी की 6 सदस्यीय समिति की 3 दिन की बैठक 1 अक्टूबर को शुरू हुई थी। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी होने के चलते यह बैठक नहीं हो पाई थी, लिहाजा गुरुवार को इस बैठक का दूसरा दिन था। आज बैठक के नतीजों की घोषणा जाएगी। 

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